"सात जन्मों का साथ — एक साथ विदा"
पति-पत्नी का रिश्ता जब सच्चे प्रेम और समर्पण से जुड़ा हो, तो वह जन्म-जन्मांतर तक अमर हो जाता है।
रायबरेली के मिल एरिया थाना क्षेत्र की यह घटना किसी फिल्म की कहानी जैसी लगती है, लेकिन यह सच्चाई है, और बेहद दर्दनाक भी।
42 वर्षीय आशुतोष सिंह, जो शहर में ‘डायग्नोस्टिक लैब’ चलाते थे, बुधवार को अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद दुनिया को अलविदा कह गए।
खबर मिलते ही पत्नी महक सिंह का भी दिल टूट गया।
पति के शव से लिपट कर रोती महक ने भी कुछ ही देर में हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं।
एक साथ जीए, एक साथ गए।
11 साल पहले लिया गया "सात जन्मों तक साथ निभाने" का वादा, उन्होंने इस जन्म में ही पूरा कर दिखाया।
पीछे बस एक मासूम बच्ची अनिका रह गई, जिसकी मासूमियत बस एक ही सवाल पूछ रही है —
"अब मुझे मम्मी-पापा कहां मिलेंगे?"
💔
यह सिर्फ एक प्रेम कथा नहीं, एक युगल की अमर गाथा है।
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