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वरिष्ठ पत्रकार इरफान के निधन से पत्रकारों में शोक


वरिष्ठ पत्रकार इरफान के निधन से पत्रकारों में शोक 

पत्रकारिता और पत्रकारों के लिए समर्पित रहते थे इरफान 

कानपुर-अपनी पत्रकारिता के कौशल से ही नही अपितु अपने कोमल स्वभाव के लिए सबके चहेते वरिष्ठ पत्रकार इरफान भाई का निधन हो गया, जिससे कानपुर की पत्रिकारिता जगत में शोक की लहर फैल गई इरफान जी इरफान चच्चा के नाम से भी मशहूर है उन्होने दैनिक सियासत अखबार से अपनी पत्रकारिता का सफर शुरू किया और सहारा रोजनामा तक के सफर में उन्होने पत्रकारिता के कई आयामों को स्थापित किया इरफान चच्चा कई वर्षो से लगातार पत्रकारो के लिए समर्पित थे और प्रिय भी थे, वह बेकनगंज उसके बाद ईदगाह कालोनी में रहते थे साथ ही वह तीन चुनाव से कानपुर प्रेस क्लब की चुनाव संचालन समिति का भी हिस्सा रहे इरफान कानपुर की पत्रकारिता में एक मजबूत स्तम्भ बने रहे और हर पत्रकार उन्हे भाई या चच्चा कहकर सम्बोधित करता रहा इतना ही नही ईद, दीपावली आदि पर्व पर इरफान चच्चा द्वारा उम्र में छोटे पत्रकारों को अपने परिवार के बच्चो की तरह प्यार दिया गया आप पत्रकारिता के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी आगे रहे एक वाक्या चच्चा का यू रहा कि प्रेस क्लब चुनाव में जब मौहसीन खान ने उनसे समर्थन मांगा तो उन्होने यह कहकर मना कर दिया कि अब वह चुनाव संचालन समिति प्रभारी है, इसलिए उनसे कोई मदद की उम्मीद मत करे मौहसीन कहते है कि उस समय तो उन्हे अच्छा नही लगा लेकिन अब दूसरे नजरिए से यह सही लगता है उन्होने कहा इरफान चाचा जैसा उसूल व ईमानदार पत्रकार मिलना मुश्किल है उन्होने हमेशा पत्रकारों को आगे बढाने और सही मार्गदर्शन देने का कार्य किया है सभी पत्रकार इरफान चच्चा की मृत्यु पर शोक प्रकट करते है तथा सभी ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की

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