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क्या फर्जी बिल पर नियमानुसार कार्यवाही की जहमत उठाएंगे जैन साहब..?


* बैतूल जिले से खबार *

क्या फर्जी बिल पर नियमानुसार कार्यवाही की जहमत उठाएंगे जैन साहब..?


भैंसदेही :- मुख्यालय की जनपद ऐसा लगता है मानो भ्रष्टाचार का गड़ बन चुकी जहा कोई भी आकार अधिकारी से तालमेल बिठाने का काम करके अपना उल्लू सीधा करके निकल जाता है। ऐसा एक मामला हाल ही मे अखबारों की सुर्खियों में जिसमे जनपद पंचायत सीईओ श्री ठाकुर पर फर्जी बिल का भुगतान करने के आरोप लगाए जा रहे है। सूत्रों से जानकारी में यह भी सामने आ रहा की जो बिल दादाजी फर्म के नाम पर 1लाख 80 हजार रुपए का जनपद में लगाकर भुगतान किया गया है। ऐसी कोई फार्म मुख्यालय या आसपास है ही नही, यह तक उस फर्म का कोई फूड विभाग में रजिस्ट्रेशन भी नही है। बताया तो यह भी जा रहा है इसकी जानकारी भैसदेही जनपद सीईओ ठाकुर को पहले से थी उसके बाद भी उनके द्वारा शहर के एक तथाकथित पत्तलकार से साठ गांठ कर उसके खाते में बिल को हस्तांतरित कर दिया और बटवारा कर लिया। नियम विरुद्ध बिल का भुगतान होने की जानकारी बाहर आते ही भैंसदेही के एक जनपद सदस्य ने लिखित शिकायत कर जांच की मांग करते हुऐ नियमानुसार कार्यवाही की मांग की गई थी। ,,,,परंतु जांच तो जांच है।,,, कैसे होती है और कैसे चलती है,,, यह तो सब जानते है। जानकारी में यह भी सामने आ रहा है की जिसका मामला सामने आने के बाद जनपद के अन्य सदस्य भी अब अपने अपने स्तर पर भैसदेही जनपद सीईओ की शिकायत बैतूल कलेक्टर से करने का मन बना रहे है। हालाकि जनपद सदस्य जिला मुख्यालय जाए या नही जाए वह उनका आपसी मसला है। परंतु फर्जी बिल के भुगतान की जांच करने में आखिर विभाग के जिम्मेदारो को पसीने क्यों छूट रहे है। कहा तो यह भी जा रहा है की सब एक ही माला के मोती नजर आ रहे है। जिनका एक ही मकसद है बस भ्रष्टाचार ? ,

*सीएम हेल्पलाइन के जवाब पर उठ रहे सवाल*

जहा तक सीएम हेल्पलाइन की शिकायत की बात है वह वर्तमान में एल 3 पर जंग खा रही जिसके जवाब के एवज में एक ही जवाब को शिकायत के हर स्टेप पर दिखाया गया है की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद द्वारा जांच कर अवगत कराया की शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के संबंध में वर्तमान स्तिथि में जांच प्रचलित है। एजेंसी वेंडर को भुगतान किया गया है। उसे पत्र जारी किया गया है। जारी पत्र मैं फर्म से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज बुलाए गए है। वर्तमान स्तिथि में संबंधित फर्म संचालक दस्तावेज प्राप्त होना अपेक्षित है। अब सवाल यह उठ रहे की साहब ही ने किसको नोटिस जारी किया, कब नोटिस जारी किया, नोटिस कितनी तारीख को जारी किया , नोटिस का आवक जावक नंबर क्या है। आखिर नोटिस छपा भी या नही , यदि छपा है तो कहा है। या फिर केवल सीएम हेल्पलाइन पर जवाब के रूप में खाना पूर्ति की गई। और एल 1 से लेकर एल 3 तक लगभग 3 माह में इतना ही हो पाया है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है की शासन की योजनाओं को किस तरह से गुमराह कर विभागीय अधिकारी द्वारा उसका मजाक बनाया जा रहा है। जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को यह सब देखना चाहिए। क्योंकि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है।

*समूह की दीदियों को नहीं मिला भुगतान*

विभागीय सूत्रों से जानकारी में सामने आया की वर्तमान समय तक भी आजीविका मिशन की दीदियों को भुगतान नहीं किया गया है। जबकि उनके बिल बाउचर पिछले कई महीनों से जनपद में जमा है। साथ ही समूह की दीदियों को गुमराह किया जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है की कही समूह की दीदियों की राशि फर्जी फर्म का बिल लगाकर निकाल तो नही ...? 



 आखिर क्यों समूह की दीदियों के साथ भैसदेही जनपद सीईओ ठाकुर दुजाभाव करते नजर आ रहे है।

*इन सवालों के जवाब अभी बाकी है*
(1) नोटिस के नाम पर फर्म संचालक को क्यों बचा रहे सीईओ ठाकुर , 
(2) ठाकुर साहब का फर्म में क्या रोल है जो जांच नही करना चाहते।
(3) महिला समूह की जगह नियम विरुद्ध फर्म को भुगतान क्यों ,
(4) आजीविका मिशन की दीदियों का वर्तमान स्तिथि तक भुगतान क्यों नही,