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Navdurga : जानिए कैसे नवदुर्गा करती हैं हर विपत्ति का नाश.


जानिए कैसे नवदुर्गा करती हैं हर विपत्ति का नाश

नवरात्रि केवल उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का पर्व है। इस समय हम माँ नवदुर्गा की पूजा करते हैं, जो हर संकट और विपत्ति को दूर करने वाली देवी मानी जाती हैं। “नव” का अर्थ है नौ और “दुर्गा” का अर्थ है वह शक्ति जो हर कठिनाई को हराती है। नवदुर्गा के नौ रूप—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महासरस्वती और सिद्धिदात्री—हर रूप में अलग-अलग संकटों का निवारण करते हैं।

माँ नवदुर्गा की उपासना से व्यक्ति के जीवन में न केवल मानसिक और शारीरिक परेशानियाँ दूर होती हैं, बल्कि आत्मिक शक्ति और साहस भी बढ़ता है। चाहे आर्थिक कठिनाई हो, स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो या जीवन में कोई बड़ी चुनौती, देवी अपनी कृपा से अपने भक्तों को सुरक्षा और मार्गदर्शन देती हैं।

हर रूप की अपनी विशेषता है:

शैलपुत्री: जीवन में स्थिरता और शक्ति देती हैं।

ब्रह्मचारिणी: ज्ञान और संयम बढ़ाती हैं।

चंद्रघंटा: भय और तनाव को दूर करती हैं।

कूष्मांडा: स्वास्थ्य और समृद्धि लाती हैं।

स्कंदमाता: मातृत्व और स्नेह की शक्ति देती हैं।

कात्यायनी: कठिन समस्याओं का नाश करती हैं।

कालरात्रि: अज्ञान और अंधकार को दूर करती हैं।

महासरस्वती: विद्या और कला में प्रवीणता देती हैं।

सिद्धिदात्री: सभी प्रकार के संकटों का निवारण करती हैं।


नवरात्रि के नौ दिन, जब हम नवदुर्गा की भक्ति और पूजा करते हैं, यह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि हमारे जीवन में नई ऊर्जा, साहस और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। माँ दुर्गा का संदेश यही है कि भक्ति और श्रद्धा से हर बाधा को पार किया जा सकता है।

यदि आप अपने जीवन के संकटों और परेशानियों से मुक्त होना चाहते हैं, तो माँ नवदुर्गा की सच्ची भक्ति से उन्हें याद करें। उनके आशीर्वाद से हर विपत्ति का नाश संभव है।