Ticker

10/recent/ticker-posts

यदि पुलिस आपके प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई न करे तो आपके पास क्या कानूनी विकल्प है? जानिये.


अगर पुलिस आपके प्रार्थना पत्र (शिकायत या आवेदन) पर कार्यवाही नहीं करती है, तो कानून में आपके पास कई विकल्प हैं। नीचे चरणबद्ध तरीके से बताया गया है कि आपको क्या करना चाहिए 👇


---

🔹 1. पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दें

सबसे पहले, संबंधित थाने में लिखित प्रार्थना पत्र (शिकायत) दें।

आवेदन पर रसीद या डायरी नंबर ज़रूर लें।

यह आपके पास इस बात का प्रमाण रहेगा कि आपने शिकायत दर्ज कराई थी।



---

🔹 2. उच्च अधिकारी को शिकायत भेजें

अगर थाना प्रभारी (SHO) कार्रवाई नहीं करता है, तो आप अपनी शिकायत भेज सकते हैं:

पुलिस अधीक्षक (SP) या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को,

या उप-महानिरीक्षक (DIG) / महानिरीक्षक (IG) को।


👉 शिकायत डाक से, ईमेल से, या व्यक्तिगत रूप से दी जा सकती है।
आप चाहें तो प्रतिलिपि (copy) ज़िला कलेक्टर को भी भेज सकते हैं।


---

🔹 3. धारा 154(3) CrPC के तहत शिकायत

अगर थाना पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है, तो आप
CrPC की धारा 154(3) के तहत SP को लिखित शिकायत भेज सकते हैं।
SP को शिकायत मिलने के बाद, वे स्वयं FIR दर्ज करने या जांच के आदेश दे सकते हैं।


---

🔹 4. मजिस्ट्रेट के पास आवेदन (धारा 156(3) CrPC)

अगर पुलिस या SP दोनों कार्रवाई नहीं करते हैं,
तो आप न्यायालय (Judicial Magistrate) के पास जाकर
धारा 156(3) CrPC के तहत आवेदन दे सकते हैं।

👉 तब कोर्ट पुलिस को जांच करने और रिपोर्ट देने का आदेश दे सकता है।


---

🔹 5. लोक शिकायत पोर्टल / ऑनलाइन विकल्प

आप राज्य या केंद्र सरकार के पुलिस शिकायत पोर्टल पर भी शिकायत कर सकते हैं:

https://pgportal.gov.in (केंद्रीय लोक शिकायत पोर्टल)

राज्य पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत का विकल्प होता है।



---

🔹 6. मानवाधिकार आयोग या महिला आयोग (यदि मामला संबंधित हो)

अगर मामला मानवाधिकार उल्लंघन, महिला उत्पीड़न, या भ्रष्टाचार से जुड़ा है,
तो आप संबंधित आयोग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।


---

🔹 7. मीडिया या RTI का सहारा लें (अंतिम विकल्प)

अगर लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं होती है,
तो आप:

RTI दाखिल कर सकते हैं यह जानने के लिए कि आपकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई।

या मीडिया / सोशल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए मामला उजागर कर सकते हैं।