सांगली में धर्मांतरण दबाव से आत्महत्या मामला: भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर का भड़काऊ बयान, बढ़ा सियासी तनाव.

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सांगली में धर्मांतरण दबाव से आत्महत्या मामला: भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर का भड़काऊ बयान, बढ़ा सियासी तनाव.

Wednesday, June 18, 2025 | Wednesday, June 18, 2025 Last Updated 2025-06-18T08:58:21Z
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सांगली में धर्मांतरण दबाव से आत्महत्या मामला: भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर का भड़काऊ बयान, बढ़ा सियासी तनाव
न्यूज़ नेशन एक्सप्रेस डेस्क | सांगली |

महाराष्ट्र के सांगली जिले में 28 वर्षीय महिला ऋतुजा राजगे की आत्महत्या का मामला अब राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि ऋतुजा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा था, जिससे मानसिक रूप से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद जहां समाज में आक्रोश है, वहीं अब भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

आत्महत्या से पहले छोड़ा गया पत्र

ऋतुजा राजगे द्वारा कथित तौर पर छोड़े गए सुसाइड नोट में यह आरोप लगाया गया है कि कुछ लोग उस पर लगातार धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे थे। उन्होंने इसे लेकर कई बार विरोध भी जताया, लेकिन मानसिक तनाव लगातार बढ़ता गया।

विधायक पडलकर का भड़काऊ बयान

इस संवेदनशील मामले में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने एक जनसभा में कहा,
"अगर किसी ने हमारी बहन-बेटियों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा। ये लोग हिंदू समाज की सहनशीलता को कमजोरी समझ बैठे हैं। अब जवाब मिलेगा, वो भी उसी भाषा में।"

उनके इस बयान के बाद स्थानीय राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने इसे भड़काऊ और समाज को बांटने वाला बयान करार दिया है।

राजनीतिक बयानबाजी तेज

महाराष्ट्र कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने पडलकर के बयान की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा,
"इस दुखद घटना का इस्तेमाल राजनीति और नफरत फैलाने के लिए करना बेहद निंदनीय है। विधायक को पीड़िता को इंसाफ दिलाने की बात करनी चाहिए, न कि समाज में आग लगाने की।"

पुलिस जांच जारी

इस मामले में स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुसाइड नोट और परिवार के बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।

सोशल मीडिया पर नाराजगी

सोशल मीडिया पर भी इस मामले ने काफी हलचल मचाई है। जहां एक वर्ग विधायक पडलकर के बयान का समर्थन कर रहा है, वहीं एक बड़ा तबका इसे गैर-जिम्मेदाराना और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बता रहा है।


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निष्कर्ष:
ऋतुजा राजगे की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – धर्मांतरण के दबाव से लेकर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया तक। अब देखना यह है कि क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा या यह मामला भी राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा।

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