*राष्ट्रीय हनुमान दल की हुंकार: देश में ‘बाबर’ के नाम पर नहीं होगा कोई भी निर्माण कार्य
बरेली। भारत की सांस्कृतिक अस्मिता और राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय हनुमान दल’ ने मोर्चा खोल दिया है। हनुमान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित सिंह हिंदू के आवाहन पर रविवार को संगठन के जिला अध्यक्ष राज शर्मा के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।
इतिहास का हवाला और विरोध की वजह:
ज्ञापन सौंपते हुए राहुल ठाकुर ने दो टूक कहा कि बाबर कोई भारतीय नायक नहीं, बल्कि एक विदेशी आक्रांता था जिसने तलवार के दम पर सत्ता हासिल की। उन्होंने कहा, “मुगल काल में हुए मंदिरों के विनाश और जजिया कर जैसे अत्याचारों के जख्म आज भी देश की सांस्कृतिक चेतना पर मौजूद हैं। ऐसे में आक्रांताओं के नाम पर किसी भी स्थल का नामकरण सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश है।”
राष्ट्रीय हनुमान दल ने विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ‘बाबर’ के नाम पर प्रस्तावित निर्माण पर गहरी नाराजगी जताई। संगठन का तर्क है कि इस तरह के कदम से समाज में अनावश्यक तनाव और विवाद पैदा होगा।
संगठन की मुख्य मांगें:
देश में किसी भी ऐतिहासिक आक्रांता के नाम पर निर्माण या नामकरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
नामकरण के मामलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सख्त और स्पष्ट गाइडलाइंस बनाई जाएं।
पश्चिम बंगाल में विवादित निर्माण की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
संगठन ने स्पष्ट किया कि यह विरोध किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत की अपनी पहचान और अखंडता को बचाने के लिए है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस गंभीर विषय पर संवैधानिक हस्तक्षेप की मांग की है।
जिला हेड रिपोर्टर जयपाल सिंह की रिपोर्ट बदायूं
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