आज, 26 फरवरी 2025 को, भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं।
1. दिल्ली सरकार को 2,000 करोड़ रुपये का घाटा:
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार को 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है। रिपोर्ट में कमजोर नीतिगत ढांचे और नीति के कार्यान्वयन में त्रुटियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इसकी जांच करेंगे और आवश्यक सुधार करेंगे।
2. शशि थरूर की प्रतिक्रिया:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हाल ही में एक पॉडकास्ट विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस की आगामी बैठक में शामिल होंगे और पार्टी के भीतर संवाद को बढ़ावा देंगे।
3. रामदास आठवले का बयान:
रामदास आठवले ने हिंदू मतदाताओं से अपील की है कि वे राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे का बहिष्कार करें। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के बयान हिंदू समुदाय के खिलाफ हैं और इसलिए हिंदू मतदाताओं को इनका बहिष्कार करना चाहिए।
4. अनुराग ठाकुर का आरोप:
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि वे शराब घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की सरकार ने शराब नीति में भ्रष्टाचार किया है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।
5. तमिलनाडु में भाषा विवाद:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि राज्य एक और भाषा विवाद के लिए तैयार है। उन्होंने लोकसभा परिसीमन के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है और कहा है कि राज्य के संसदीय प्रतिनिधित्व में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
6. सैम पित्रौदा पर आरोप:
भाजपा के एक नेता ने सैम पित्रौदा के खिलाफ 150 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) में शिकायत दर्ज कराई है। पित्रौदा पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग करके यह जमीन हासिल की।
7. सज्जन कुमार को उम्रकैद:
दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि कुमार की वृद्धावस्था और बीमारियों को देखते हुए उन्हें मृत्युदंड के बजाय कम कठोर सजा दी गई है।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि भारतीय राजनीति में विभिन्न मुद्दों पर बहस और विवाद जारी हैं, जो आगामी चुनावों और राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं।