शरीर का संबंध तभी पवित्र होता है, जब उसमें आत्मा की अनुमति हो.

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शरीर का संबंध तभी पवित्र होता है, जब उसमें आत्मा की अनुमति हो.

Friday, June 06, 2025 | Friday, June 06, 2025 Last Updated 2025-06-06T11:31:11Z
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❤️ "शरीर का संबंध तभी पवित्र होता है, जब उसमें आत्मा की अनुमति हो, और हर स्पर्श में सम्मान की छाया महसूस हो।"

🌸 संबंध केवल देह तक सीमित नहीं होते।
जब दो लोग शारीरिक रूप से जुड़ते हैं,
तो उस जुड़ाव में सिर्फ़ चाहत नहीं,
बल्कि एक अदृश्य सहमति, भरोसा और भावनात्मक गहराई भी शामिल होनी चाहिए।

❗ कोई भी स्पर्श तब तक खूबसूरत नहीं होता,
जब तक वह आत्मा से इज़ाजत माँग कर न किया जाए।

🕊️ क्योंकि सच्चा संबंध वो होता है
जिसमें सिर्फ़ शरीर नहीं,
बल्कि आत्मा भी शामिल हो,
जहाँ हर छुअन में सम्मान हो,
हर नज़र में सम्मति,
और हर पल में समानता।

👫 ऐसा रिश्ता
ना सिर्फ़ शरीर को सुख देता है,
बल्कि आत्मा को भी शांति देता है।

💬 "संबंध वही पवित्र होते हैं, जिनमें आत्मा शामिल हो — न कि सिर्फ़ कामना।"

आप कहा तक सहमत हैं l